तो उठ अभी और ले दहाड़, तोड़ हर बुराई का पहाड़! तो उठ अभी और ले दहाड़, तोड़ हर बुराई का पहाड़!
रज ने ही डंका बजाया रज ने ही डंका बजाया
ना हिमालय कहे मैं ही पहचान हूँ ना तो गंगा कहे मैं ही श्रेष्ठ हूँ ना हिमालय कहे मैं ही पहचान हूँ ना तो गंगा कहे मैं ही श्रेष्ठ हूँ
हे नारी तुम सब पर भारी। हे नारी तुम सब पर भारी।
आदर मिला है हृदय खोलकर। मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर। आदर मिला है हृदय खोलकर। मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर।
अहिल्या हूँ, अपने चरणों से छू लो, मेरा वजूद मुकम्मल कर दो अहिल्या हूँ, अपने चरणों से छू लो, मेरा वजूद मुकम्मल कर दो